Posts

Showing posts from December, 2017

उसमे कोई दिव्य मिठास थी जो जीभ के साथ आत्मा को भी मीठा कर गई थी।

*"झूठा गुड़"* एक शादी के निमंत्रण पर जाना था, पर मैं जाना नहीं चाहता था। एक व्यस्त होने का बहाना और दूसरा गांव की शादी में शामिल होने से बचना.. लेक‌िन घर परिवार का दबाव था सो जाना प...