कोन परेशान किसे घर छोड़ना चाहिये।

एक बार का समय था भगवान हरि अपनी पत्नी से झगड़ा कर केलाश पर आ गये तब भगवान शिव ने उनसे पुछा नारायण आप यहा.... कैसे आना हुवा क्या प्रयोजन हैं यहा आने का.... तब श्री हरि कहते हैं की में अपनी पत्नी से झगड़ा करके आया हु तब शिव बोले आपके परिवार में आप और माता लक्ष्मि हैं फिर भी झगड़ा केसे हो गया मुझे देखो में पूरा परिवार लेकर बैठा हु आपके हिसाब तो हमे रोज झगड़ना चाहिए l
तब श्री हरि कहते हैं आप क्यों झगड़ेगे आप तो पूरा दिन समाधी में रहते हो आपको क्या चिंता परिवार की तब शिव कहते हैं आपको लगता हैं मुझे परिवार की चिंता नही हैं आप मेरे प्रश्न का उतर दे मेरी सवारी क्या हैं ?
भगवान हरि बोले वृषभ और मेरी पत्नी की वो बोले शेर तब शिव कहते की ''शेर कहता हैं आप मुझे छोड़े तो में वृषभ को खाऊ, मेरे गले में सर्प और गणेश की सवारी मूषक सर्प कहता आप मुझे छोड़े तो मे मूषक को खाऊ,  कार्तिक की सवारी मयूर और मेरे गले सर्प मयूर बोले आप मुझे छोड़े तो में सर्प को खाऊ, अब आप ही बताईये जिनके गण ही आपस नही मिलते फिर भी पूरा परिवार चला रहा हू रही बात सम्मान की आप किसी शिव मंदिर में जाते तो सबसे पहले किसका पूजन करते हो.... प्रथम पूज्य गणेश का फिर कार्तिक का अब आप बताइये पिता होते हुवे पुत्र की पहले पूजा फिर पार्वती माता का पूजन पति के होते पहले पत्नी की पूजा फिर नंदी , भ्रंगी, आदि गण पूजन.....फिर कहि जाकर मेरा नम्बर आता उसमे एक लोटा पानी मुझ पर डालते हैं और कहते हैं काल हर.. कष्ट हर... दुख हर.... दारिद्र हर... सुख कर.... सम्पति कर... आनन्द ही आनन्द.... कर अब आप बताओ कोन परेशान किसे घर छोड़ना चाहिये।
तब श्रीहरी ने शिव से माफ़ी मांगी और कहा जो भी प्राणी अपने घर में शिव परिवार की सगण सहित फोटो लगायेगा उसके घर में किसी प्रकार कलेश नही होगा.

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