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*आज कई माँ बाप उस बंजर पेड की तरह अपने बच्चों की राह देख रहे है।*

*एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था।* *जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुच जाता।* *पेड के उपर चढ़ता,आम खाता,खेलता और थक जाने पर उसी की छाया मे सो जाता।* *उस बच्चे और आम के पेड के बीच एक अनोखा रिश्ता बन गया।* *बच्चा जैसे-जैसे बडा होता गया वैसे-वैसे उसने पेड के पास आना कम कर दिया।* *कुछ समय बाद तो बिल्कुल ही बंद हो गया।* *आम का पेड उस बालक को याद करके अकेला रोता।* *एक दिन अचानक पेड ने उस बच्चे को अपनी तरफ आते देखा और पास आने पर कहा,* *"तू कहां चला गया था? मै रोज तुम्हे याद किया करता था। चलो आज फिर से दोनो खेलते है।"* *बच्चे ने आम के पेड से कहा,* *"अब मेरी खेलने की उम्र नही है* *मुझे पढना है,लेकिन मेरे पास फीस भरने के पैसे नही है।"* *पेड ने कहा,* *"तू मेरे आम लेकर बाजार मे बेच दे,* *इससे जो पैसे मिले अपनी फीस भर देना।"* *उस बच्चे ने आम के पेड से सारे आम तोड़ लिए और उन सब आमो को लेकर वहा से चला गया।* *उसके बाद फिर कभी दिखाई नही दिया।* *आम का पेड उसकी राह देखता रहता।* *एक दिन वो फिर आया और कहने लगा,* *"अब मुझे नौकरी मिल गई है,* *मेरी शादी हो चुकी है,