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Showing posts from March, 2018

अपने बच्चों की क्षमता को परखें और जीवन में आगे बढ़ने के लिए.. प्रोत्साहित करें..हतोत्साहित नही......

पिता बेटे को डॉक्टर बनाना चाहता था। बेटा इतना मेधावी नहीं था कि PMT क्लियर कर लेता। इसलिए दलालों से MBBS की सीट खरीदने का जुगाड़ किया गया। जमीन, जायदाद जेवर गिरवी रख के 35 लाख रूपये दलालों को दिए, लेकिन वहाँ धोखा हो गया। फिर किसी तरह विदेश में लड़के का एडमीशन कराया गया, वहाँ भी चल नहीं पाया। फेल होने लगा.. डिप्रेशन में रहने लगा। रक्षाबंधन पर घर आया और यहाँ फांसी लगा ली। 20 दिन बाद माँ,बाप और बहन ने भी कीटनाशक खा के आत्म-हत्या कर ली। अपने बेटे को डॉक्टर बनाने की झूठी महत्वाकांक्षा ने पूरा परिवार लील लिया। माँ बाप अपने सपने, अपनी महत्वाकांक्षा अपने बच्चों से पूरी करना चाहते हैं ... मैंने देखा कि कुछ माँ बाप अपने बच्चों को Topper बनाने के लिए इतना ज़्यादा अनर्गल दबाव डालते हैं कि बच्चे का स्वाभाविक विकास ही रुक जाता है। आधुनिक स्कूली शिक्षा बच्चे की Evaluation और Grading ऐसे करती है जैसे सेब के बाग़ में सेब की खेती की जाती है। पूरे देश के करोड़ों बच्चों को एक ही Syllabus पढ़ाया जा रहा है .. For Example - जंगल में सभी पशुओं को एकत्र कर सबका इम्तहान लिया जा रहा है और पेड़ पर चढ़ने की क्षमता

साइंस कहता है एक गिलास दूध में अगर एक बूंद भी केरोसिन मिली हो तो पूरा का पूरा दूध ही बेकार हो जाता है !

"नया टीचर" क्लास में आते ही बच्चों को अपना लंबा चौड़ा परिचय दिया। बातों ही बातों में उसने जान लिया की लड़कियों के इस क्लास में सबसे तेज और सबसे आगे कौन सी लड़की है ? उसने खामोश सी बैठी उस लड़की से पूछा बेटा आपका नाम क्या है ? लड़की खड़ी हुई और बोली जी सर , मेरा नाम है जूही टीचर ने फिर पूछा पूरा नाम बताओ बेटा ? जैसे उस लड़की ने नाम मे कुछ छुपा रखा हो लड़की ने फिर कहा जी सर , मेरा पूरा नाम जूही ही है टीचर ने सवाल बदल दिया और पूछा कि अच्छा तुम्हारे पापा का नाम बताओ ? लड़की ने जवाब दिया जी सर , मेरे पापा का नाम है शमशेर !! टीचर ने फिर पूछा अपने पापा का पूरा नाम बताओ लड़की ने जवाब दिया मेरे पापा का पूरा नाम शमशेर ही है सर जी अब टीचर कुछ सोचकर बोला अच्छा अपनी माँ का पूरा नाम बताओ लड़की ने जवाब दिया सर जी , मेरी माँ का पूरा नाम है निशा टीचर के पसीने छूट चुके थे क्योंकि अब तक वो उस लड़की की फैमिली के पूरे बायोडाटा में जो एक चीज ढूंढने की कोशिश कर रहा था वो उसे नही मिला था !! उसने आखिरी पैंतरा आजमाया बोला -अच्छा तुम कितने भाई बहन हो ? टीचर ने सोचा कि जो चीज वो ढूंढ रहा है शायद इसके भाई बहनों के न

पर हम सभी अंधे जो ठहरे, केवल मुफ्त की चीजें ही हमे दिखती हैं।

एक अँधा भीख मांगता हुआ राजा के द्वार पर पंहुचा। राजा को उस पर दया आ गयी, राजा ने प्रधानमंत्री से कहा- "यह भिक्षुक जन्मान्ध नहीं है, यह ठीक हो सकता है, इसे राजवैद्य के पास ले चलो।" राजा का मंत्री कहता है "महाराज आपसे एकांत में कुछ कहना चाहता हूं।"..दोनों भिक्षुक को वहीँ बैठाकर दूसरी ओर जाते हैं। मंत्री कहता है "महाराज यह भिक्षुक शरीर से हृष्ट-पुष्ट है, यदि इसकी रौशनी लौट आयी तो इसे आपका सारा भ्र्ष्टाचार दिखेगा, आपकी शानोशौकत और फिजूलखर्ची इसे दिखेगी। आपके राजमहल की विलासिता और आपके रनिवास का अथाह खर्च इसे दिखेगा, इसे यह भी दिखेगा कि जनता भूख और प्यास से तड़प रही है, सूखे से अनाज का उत्पादन हुआ ही नहीं और आपके सैनिक पहले से चौगुना लगन वसूल रहे हैं। शाही खर्चे में बढ़ोत्तरी के कारण राजकोष रिक्त हो रहा है, जिसकी भरपाई हम सेना में कटौती करके कर रहे हैं, इससे हजारों सैनिक और कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। ठीक होने पर यह भिक्षुक औरों की तरह ही रोजगार की मांग करेगा और आपका ही विरोधी बन जायेगा। मेरी मानिये तो यह आपसे मात्र दो वक्त का भोजन ही तो मांगता है, इसे आप राजमहल में

पर हम सभी अंधे जो ठहरे, केवल मुफ्त की चीजें ही हमे दिखती हैं।

एक अँधा भीख मांगता हुआ राजा के द्वार पर पंहुचा। राजा को उस पर दया आ गयी, राजा ने प्रधानमंत्री से कहा- "यह भिक्षुक जन्मान्ध नहीं है, यह ठीक हो सकता है, इसे राजवैद्य के पास ले चलो।" राजा का मंत्री कहता है "महाराज आपसे एकांत में कुछ कहना चाहता हूं।"..दोनों भिक्षुक को वहीँ बैठाकर दूसरी ओर जाते हैं। मंत्री कहता है "महाराज यह भिक्षुक शरीर से हृष्ट-पुष्ट है, यदि इसकी रौशनी लौट आयी तो इसे आपका सारा भ्र्ष्टाचार दिखेगा, आपकी शानोशौकत और फिजूलखर्ची इसे दिखेगी। आपके राजमहल की विलासिता और आपके रनिवास का अथाह खर्च इसे दिखेगा, इसे यह भी दिखेगा कि जनता भूख और प्यास से तड़प रही है, सूखे से अनाज का उत्पादन हुआ ही नहीं और आपके सैनिक पहले से चौगुना लगन वसूल रहे हैं। शाही खर्चे में बढ़ोत्तरी के कारण राजकोष रिक्त हो रहा है, जिसकी भरपाई हम सेना में कटौती करके कर रहे हैं, इससे हजारों सैनिक और कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। ठीक होने पर यह भिक्षुक औरों की तरह ही रोजगार की मांग करेगा और आपका ही विरोधी बन जायेगा। मेरी मानिये तो यह आपसे मात्र दो वक्त का भोजन ही तो मांगता है, इसे आप राजमहल में