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Showing posts from September, 2018

प्रकृति सब देखती है और उसका फल फिर किसी और के निमित्त से हमें मिलता है, और हमें लगता है कि लोग हमें बेवजह ही परेशान कर रहे हैं

*वार्ता -कर्म पीछा नहीं छोड़ते ??*     एक सेठ जी ने अपने मैनेजर को इतना डाटा--- की मैनेजर को बहुत गुस्सा आया पर सेठ जी को कुछ बोल ना सका--   - वह अपना गुस्सा किस पर निकाले-- हो गया सीधा अपने कंपनी स्टाफ के पास और सारा गुस्सा कर्मचारियों पर निकाल दिया।    - अब कर्मचारी किस पर अपना गुस्सा निकाले--?    तो जाते-जाते अपने गेट वॉचमैन पर उतारते गए- - अब वॉचमैन किस पर निकाला अपना गुस्सा-? - तो वह घर गया और अपनी बीवी को डांटने लगा बिना किसी बात पर। - अभी भी उठी और अपने बच्चे की पीठ पर 2 धमाक धमाक लगा दिया-- -- सारा दिन tv देखता रहता है काम कुछ करता नहीं है-- - अब बच्चा घर से गुस्से से निकला, और  सड़क पर सो रहे कुत्ते को पत्थर दे मारा, -- कुत्ता हड़बड़ाकर भागा और सोचने लगा कि इसका मैंने क्या बिगाड़ा-? - और गुस्से में उस कुत्ते ने एक आदमी को काट खाया- -- और कुत्ते ने जिसे काटा वह आदमी कौन था-? -- वही सेठ जी थे,  जिन्होंने अपने मैनेजर को डांटा था।   - सेठ जी जब तक जिए तब तक यही सोचते रहे कि उस कुत्ते ने आखिर मुझे क्यों काटा-? -            --*लेकिन बीज किसने बोया* ?    -- आया कुछ समझ में--  *कर्म क

अब यह फैंसला हर माँ बाप को करना है कि अपना पेट काट काट कर, दुनिया की हर तकलीफ सह कर, अपना सबकुछ बेचकर,बच्चों के सुंदर भविष्य के सपने क्या इसी दिन के लिये देखते हैं?

पुत्र अमेरिका में जॉब करता है। उसके माँ बाप गाँव में रहते हैं। बुजुर्ग हैं, बीमार हैं, लाचार हैं। पुत्र कुछ सहायता करने की बजाय पिता जी को एक पत्र लिखता है। कृपया ध्यान से पढ़ें और विचार करें कि किसको क्या लिखना चाहिए था ?                          *पुत्र का पत्र पिता के नाम* पूज्य पिताजी! आपके आशीर्वाद से आपकी भावनाओं/इच्छाओं के अनुरूप मैं अमेरिका में व्यस्त हूं। यहाँ पैसा, बंगला, साधन सब हैं नहीं है तो केवलसमय। मैं आपसे मिलना चाहता हूं आपके पास बैठकर बातें करना चाहता हूँ। आपके दुख दर्द को बांटना चाहता हूँ परन्तु क्षेत्र की दूरी बच्चों के अध्ययन की मजबूरी कार्यालय का काम करना जरूरी क्या करूँ? कैसे कहूँ? चाह कर भी स्वर्ग जैसी जन्म भूमि और माँ बाप के पास आ नहीं सकता। पिताजी।! मेरे पास अनेक सन्देश आते हैं - "माता-पिता सब कुछ बेचकर भी बच्चों को पढ़ाते हैं और बच्चेसबको छोड़ परदेस चले जाते हैं  पुत्र, माता-पिता के किसी काम नहीं आते हैं। " पर पिताजी मैं कहाँ जानता था इंजीनियरिंग क्या होती है? मैं कहाँ जानता था कि पैसे की कीमत क्या होती है? मुझे कहाँ पता था कि अमेरिका कहाँ है ? मेरा क