प्रकृति सब देखती है और उसका फल फिर किसी और के निमित्त से हमें मिलता है, और हमें लगता है कि लोग हमें बेवजह ही परेशान कर रहे हैं
*वार्ता -कर्म पीछा नहीं छोड़ते ??* एक सेठ जी ने अपने मैनेजर को इतना डाटा--- की मैनेजर को बहुत गुस्सा आया पर सेठ जी को कुछ बोल ना सका-- - वह अपना गुस्सा किस पर निकाले-- हो गया सीधा अपने कंपनी स्टाफ के पास और सारा गुस्सा कर्मचारियों पर निकाल दिया। - अब कर्मचारी किस पर अपना गुस्सा निकाले--? तो जाते-जाते अपने गेट वॉचमैन पर उतारते गए- - अब वॉचमैन किस पर निकाला अपना गुस्सा-? - तो वह घर गया और अपनी बीवी को डांटने लगा बिना किसी बात पर। - अभी भी उठी और अपने बच्चे की पीठ पर 2 धमाक धमाक लगा दिया-- -- सारा दिन tv देखता रहता है काम कुछ करता नहीं है-- - अब बच्चा घर से गुस्से से निकला, और सड़क पर सो रहे कुत्ते को पत्थर दे मारा, -- कुत्ता हड़बड़ाकर भागा और सोचने लगा कि इसका मैंने क्या बिगाड़ा-? - और गुस्से में उस कुत्ते ने एक आदमी को काट खाया- -- और कुत्ते ने जिसे काटा वह आदमी कौन था-? -- वही सेठ जी थे, जिन्होंने अपने मैनेजर को डांटा था। - सेठ जी जब तक जिए तब तक यही सोचते रहे कि उस कुत्ते ने आखिर मुझे क्यों काटा-? - --*लेकिन बीज किसने बोया* ? -- आया कुछ समझ में-- *कर्म क